25 जून को लोकतंत्र की हत्या हुई थी, इसी दिन देश की जनता का मौलिक अधिकार का हनन हुआ था-नारायण प्रसाद

रक्सौल


 रक्सौल भारतीय इतिहास का काला दिन है 25 जून जिसमें लोकतंत्र की हत्या हुई, साथ ही देश की जनता की मौलिक अधिकारों का हनन हुआ, प्रेस पर सेंसरशिप लगा और न्यायपालिका का गला घोट दिया गया। उक्त बाते शुक्रवार को भाजपा कार्यालय में आपातकाल पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद ने कही। उन्होंने कहा कि 25 जून की रात्रि मंत्रिमंडल के बिना अनुशंसा लिए राष्ट्रपति से जबरन हस्ताक्षर करवा कर भारत के लोकतंत्र को समाप्त कर दिया गया।आज वर्तमान पीढ़ी उस काल से अनभिज्ञ है जिस काल में हजारों की मांगे सुनी हो गई , 22 लाख लोगों को जेल में कैद कर दिया गया और हजारों लोगों को यातना देकर हत्या कर दी गई। जबरन नसबंदी लागू कर दिया गया। आज ऐसे लोगों को देश की जनता नकार चुकी है और ऐसे लोग आज कहीं नहीं हैं। कार्यक्रम संगोष्ठी की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष बरूण सिंह ने किया। वरुण सिंह ने कहा कि आज वर्तमान पीढ़ी को उसे दिन से अवगत कराने के लिए इस संगोष्ठी का आयोजन किया गया है और जो वर्चुअल रूप से पूरे जिले के कार्यकर्त्ता जुड़े हैं और इसका लाभ उठा रहे हैं। पूर्व जिला अध्यक्ष प्रमोद शंकर सिंह ने आपातकाल के दिनों को याद करते हुए अपने कथन से लोगों को अवगत कराया। संगोष्ठी का संचालन करते हुए शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक प्रो. डा. अनिल कुमार सिन्हा ने कहा कि आपातकाल भारतीय जनता के लिए यातनाओं का काल है जिसमें हजारों हजार युवकों को मार डाला गया। जिस दल में लोकतन्त्र है ही नहीं वो लोकतन्त्र की बात क्या करेगा। उन्होंने कहा कि अपातकाल के पाप का परिणाम है कि आज उनका जनाधार समाप्त हो गया। संगोष्ठी का संचालन प्रदेश कार्यसमिति सदस्य गुड्डू सिंह ने किया। कार्यक्रम में भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री ई. जितेन्द्र कुमार, राजकिशोर राय भगत, अरविंद कुमार सिंह, गणेश यादव, प्रदीप सर्राफ, राज कुमार गुप्ता, शिवपूजन प्रसाद, विनोद गुप्ता, डा. अनिल कुमार, कन्हैया सर्राफ, उदय कुमार सिंह ,विजय कुशवाहा, मदन पटेल , राहुल मोदनवाल आदि उपस्थित थे।



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ