सिरसा के डबवाली क्षेत्र का जेबीटी सबके लिए मिसाल
डबवाली, हरियाणा
पूर्ण धनेरवा |
बचपन से पोलियो ग्रसित मनोज कुमार अब तक 54 बार रक्तदान कर चुके हैं। इस सफर के दौरान उन्होंने डबल एमए की और जेबीटी बनने के साथ अन्वेंशन में भी अव्वल हैं। आज भी दोनों पैरों से अशक्त होने के बावजूद बाइक व कार ड्राइव करते हैं। उनका मानना है कि रक्तदान हर बार नई ऊर्जा व अच्छा करने को प्रोत्साहित करता है।
जेबीटी मनोज कुमार पुत्र जगदीश राय निवासी गुरु जंभेश्वर नगर डबवाली ने बताया कि शहर में 1995 को हुए भीषण अग्निकांड के दौरान झुलसे लोगों को ब्लड की काफी जरूरत पड़ी थी। इस दौरान वे शहर के राजा राम स्कूल में 10वीं के विद्यार्थी थे और साइंस में रुचि के चलते बायोलोजी को ज्यादा स्टडी करते हुए रक्त संचरण के बारे में समझा और 18 साल की उम्र में पहली बार 23 दिसंबर 1997 को अग्निकांड की बरसी पर युवा रक्तदान सोसायटी की ओर से लगाए शिविर में रक्तदान किया।
तब पोलियो ग्रसित बीकॉम स्टूडेंट को रक्तदान करते देखकर लोग हैरान हुए, लेकिन दिल ने कहा- रक्तदान कर दूसरों को पैरों पर खड़ा करने में भूमिका निभाई जाए। इससे बेहद उत्साहित हुआ। आज भी जब मौका मिलता है तो रक्तदान करने पहुंच जाते हैं।
2007 में लगे थे जेबीटी: पहली बार 23 दिसंबर 1997 को अग्निकांड की बरसी पर आयोजित शिविर में रक्तदान किया और तब जीएन कॉलेज किलियांवाली में बीकॉम के विद्यार्थी थे। इसके बाद रक्तदान के साथ पढ़ाई जारी रखी। एमकॉम व एमए इकोनॉमिक्स की पढ़ाई करने के बाद 12 दिसंबर 2007 से प्रदेश में जेबीटी के तौर पर सेवा दे रहे हैं।
फिलहाल उनकी नियुक्ति खुईया मलकाना के राजकीय स्कूल में है। उनके माता-पिता का देहांत हो चुका है, जबकि उनकी पत्नी कांता रानी व दोनों बेटियां एंजल व नविशा उन्हें रक्तदान के लिए प्रोत्साहित करती रहती हैं। मनोज बाइक ड्राइव कर लेते हैं। कार में सिस्टम लगाकर ड्राइव करने की व्यवस्था बनाई हुई है। उन्होंने कहा कि हर बार रक्तदान करने से नई ऊर्जा मिलती है।
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