लखनऊ, उत्तर प्रदेश। संपादक की कलम से
उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ का नाम आते ही प्रमोद तिवारी, राजा भैया, मोती सिंह तमाम ऐसे नाम ऐसे चेहरे सामने आ जाते हैं। लेकिन बड़ी खबर दूसरी है, खबर यह है कि प्रतापगढ़ में कोई भी आईपीएस जिले की कप्तानी नहीं करना चाहता है। उत्तर प्रदेश का सियासत प्रतापगढ़ एक अहम जिला है। प्रतापगढ़ मतलब कुंडा वाले राजा भैया। योगी सरकार में मंत्री मोती सिंह, कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, लेकिन प्रदेश के सियासत की इतने दिग्गज वाले नेता के क्षेत्र में कोई एसपी कप्तान नहीं रहना चाहता। बीते 30 सालों में अकेले प्रतापगढ़ में 67 आईपीएस बनाकर भेजे जा चुके हैं। मौजूदा योगी के साढे 4 साल में 11 आईपीएस का ट्रांसफर हो चुका है। प्रतापगढ़ के आईपीएस के पोस्टिंग के मामले में हमेशा ही खराब रिकॉर्ड रहा, उत्तर प्रदेश का किसी जिले में सबसे ज्यादा बार एसपी हटाए गए, वो जिला प्रतापगढ़ है। कभी किसी का आईपीएस में पोस्टिंग होने के बाद ज्वाइन नहीं किया, तो किसी ने 5 दिन बात ही बदल दिया गया, तो कोई ढाई महीने में ही बदल दिया गया। तो कोई ढाई महीने में जिला छोड़ दिया, मौजूदा वक्त में भी प्रतापगढ़ का यही हाल है।
मौजूदा कप्तान आकाश तोमर 9 दिन से छुट्टी पर चले गए हैं। उनकी छुट्टी 14 जून तक बढ़ा दी गई है। यह कहानी है, प्रतापगढ़ की। बड़ी-बड़ी बातें करने वाली सरकारें, चाहे योगी की हो, चाहे मायावती, चाहे मुलायम की हो सभी इस प्रतापगढ़ के सामने नतमस्तक हो गए। डीजीपी मुख्यालय में मंथन चल रहा है कि प्रतापगढ़ में किस को कप्तान बना कर भेजा जाए। हालांकि प्रतापगढ़ के लिए यह कोई नई बात नहीं है। वर्तमान की योगी सरकार में ही 10 आईपीएस बदले जा चुके हैं। 9 महीने में 4 एसपी बदले गए हैं। जुलाई 2019 को एसटीएफ में रहे एसपी अभिजीत सिंह को प्रतापगढ़ में बढ़ते अपराध को नियंत्रित करने के लिए एसटीएफ के सुपर कॉर्प आनंद को हटा करके भेजा गया। 16 अगस्त 2020 को बागपत के रहे संजीव त्यागी को प्रतापगढ़ एसपी बनाया गया। संजीव त्यागी ने ज्वाइन नहीं किया। 2 दिन बाद 18 अगस्त 2020 को आईपीएस अनुराग आर्य को भेजा गया। लेकिन अनुराग 4 महीने तक ही रह पाए। शिव हरी मीरा 5 जनवरी 2021 को आए। लेकिन बस ढाई महीने में चले गए। इसके बाद 21 मार्च 2001 को सचिंद्र पटेल आए। 5 दिन बाद ही हटा दिए गए। आखिर प्रतापगढ़ में जो सियासत का मसला है, आखिर है क्या? समझ पाना बड़ा मुश्किल है। विधायक हो, सांसद हो, मंत्री हो, सभी परेशान रहते हैं। मायावती की सरकार में प्रतापगढ़ चर्चा में रहा। सचिंद्र पटेल की जगह इटावा में एसपी रहे आकाश तोमर को 26 मार्च 2021 को एसपी प्रतापगढ़ बनाया गया। आकाश तोमर भी बीते 9 दिनों से छुट्टी पर है। उन्होंने अपनी छुट्टी बढ़ाकर 14 जून करवा लिया था। वर्तमान में जिले की कप्तान धवल जायसवाल के पास है। प्रतापगढ़ रेंज के आईजी रहे रिटायर आईपीएस आर.के चतुर्वेदी कहते हैं कि प्रतापगढ़ एक ऐसा जिला है, जहां कि प्रदेश की सरकार के साथ-साथ वहां छत्रप नेताओं की भी सरकार चलती है। हालांकि योगी सरकार लंबे-लंबे दावे खूब कर रही है। प्रतापगढ़ जिले में राजा भैया का अपना इलाका कुंडा है। प्रमोद तिवारी का अपना इलाका रामपुर वाला इलाका है। मौजूदा सरकार के मोदी सिंह का अपना एक अलग क्षेत्र है। ऐसे में राजनीति हस्तक्षेप पुलिस में सबसे बड़ा बाधक बन जाता है। अवैध शराब के जब बड़े कारोबारी पर पुलिस नकेल कस्ती है। उसको गाहे-बगाहे बैकफुट पर आना पड़ता है। चाहे योगी सरकार हो, चाहे मायावती, चाहे मुलायम, चाहे अखिलेश लगातार इस पर जोर दे रहे हैं। जो बड़े अपराधी हैं, जो बड़े शराब के कारोबारी हैं, वह कहीं ना कहीं बचने के लिए बड़े राजनेताओं को पकड़ लेते हैं। जब पुलिस कार्रवाई करती है, तो राजनीतिक हस्तक्षेप आड़े आता है। यह किसी भी नए आईपीएस के कामकाज पर असर डालता है और मनोबल को तोड़ देता है। जिसके चलते या तो आईपीएस सही परफॉर्म नहीं कर पाता या खुद कप्तानी छोड़ देते हैं। प्रतापगढ़ के सियासत में प्रमोद तिवारी का नाम बहुत बड़ा है। यही सारे छत्रप है, जो एक ही इलाके से लगातार विधायक बनते हैं। प्रमोद तिवारी 9 बार, राजा भैया 7 बार और साथ ही साथ मोती सिंह तमाम ऐसे विधायकी की चुनाव जीते रहते हैं। इस खबर में पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है।
इस खबर के संबंध और सुने इस लिंक पर - https://youtu.be/zWX37AH7mEo
संतोष पांडे
संपादक पोल टाक (वर्तमान)
एक्स सीनियर चीफ एडिटर दैनिक भास्कर
एक्स सीनियर चीफ एडिटर, दैनिक जागरण
एक्स सीनियर चीफ एडिटर, अमर उजाला
एक्स सीनियर चीफ एडिटर, हिन्दुस्तान।
एक्स सीनियर चीफ एडिटर, पंजाब केसरी।
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🙂
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