आदापुर पीएचसी के डॉ. आमिर ने चमकी बुखार से पीड़ित मासूम का अपने निजी क्लिनिक में किया इलाज, हालत बिगड़ी तो प्राइवेट अस्पताल में भेजा, प्रशासन की टीम ने की मामले की जांच
सरकारी चिकित्सक की लापरवाही के कारण बेलदारवा गांव का डेढ़ वर्षीय मासूम मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच अस्पताल में जिंदगी व मौत से जूझ रहा है। चमकी बुखार के लक्षण से ग्रसित बेलदारवा गांव निवासी सुनील चौरसिया के डेढ़ वर्षीय पुत्र कन्हैया कुमार का उपचार पीएचसी के चिकित्सक डॉ. आमिर हुसैन के निजी क्लिनिक पर किया गया।
दो दिनों तक इलाज के बाद चिकित्सक ने सरकारी अस्पताल में रेफर करने के बजाए उसे निजी चिकित्सक के यहां भेज दिया। यह मामला जब स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के संज्ञान में पहुंचा तो मोतिहारी डीएम ने सात सदस्यीय टीम गठित कर दी। टीम शनिवार की देर शाम पीएचसी पहुंचकर मामले की पड़ताल की।
29 मई को नहीं दिखा था चमकी बुखार का कोई लक्षण : डॉ. आमिर
प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक संजय कुमार शर्मा ने बताया कि जांच प्रतिवेदन जिला को समर्पित है। फिलहाल किसी तरह का आदेश प्राप्त नही हुआ है। चिकित्सक डॉ. आमिर हुसैन ने बताया कि 29 मई की मध्य रात्रि को इलाज कराने आए डेढ़ वर्षीय बच्चे में प्रथम दृष्टया चमकी बुखार का लक्षण तो नहीं दिखें। दूसरे दिन उसमें थोड़ा सा लक्षण को भांपते हुए उसे बाहर लेकर जाने की सलाह दे दी गई। टीम में रक्सौल एसडीओ आरती कुमारी, आदापुर बीडीओ आशीष कुमार मिश्र, सीओ सहित सात सदस्य थे।
मोतिहारी निजी चिकित्सक ने मासूम को केजरीवाल अस्पताल मुजफ्फरपुर भेजा
बता दें कि उक्त बच्चा को आदापुर से मोतिहारी स्थित निजी चिकित्सक के पास भेज दिया गया। वहां भी स्थिति की गंभीरता को देख मुजफ्फरपुर स्थित केजरीवाल अस्पताल भेजा गया। वहीं बच्चे में कंप्लीट चमकी बुखार को देख उक्त अस्पताल से एसकेएमसीएच रेफर किया गया। जहां शनिवार को एसकेएमसीएच अस्पताल के निरीक्षण को पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रत्यय अमृत के संज्ञान में मामला सामने आने के बाद हरकत में आई जिला प्रशासन के द्वारा जांच टीम गठित की गई।
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