भागलपुर
चलती ट्रेनों में बच्चों के जन्म लेने की बात तो आपने अक्सर सुनीं होगी। लेकिन, जन्म के बाद बच्ची का नाम ट्रेन से मिलता-जुलता रखा जाए तो यह अपने आप में बड़ी बात है। जी हां, कुछ ऐसा ही वाक्या है। आनंद विहार टर्मिनल से भागलपुर आ रही विक्रमशिला एक्सप्रेस के साधारण कोच में एक महिला ने नन्हीं परी को जन्म दिया। इसके बाद नन्हीं परी के माता-पिता ने बच्ची का नाम विक्रमशिला एक्सप्रेस से मिलता जुलता नाम 'शीला' रख दिया। इसके पीछे माता पिता का कहना था कि बेटी का नाम जब लेंगे तो विक्रमशिला का वह सफर पूरी उम्र याद रहेगा। दरअसल, पांच जून को पटना जिले के फतुहां निवासी सुनीता देवी आनंद विहार टर्मिनल पर विक्रमशिला एक्सप्रेस के कोच संख्या डी-2 में सफर कर रही थी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से ट्रेन जैसे ही खुली कि महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गया।
टीटीई ने दिखाई मानवता कोच में कराया प्रसव
महिला की प्रसव पीड़ा की जानकारी ट्रेन के टीटीई अरविंद कुमार चौरसिया (एके चौरसिया) और रवि कुमार को मिली। दोनों ने मानवता का परिचय देते हुए मेडिकल टीम को सूचना दी। महिला को प्रसव पीड़ा से परेशान थी। इसके बाद चिट्ठी इन है कोच में सफर कर रही दूसरी महिलाओं को बुलाया और प्रसव करवाया। महिला ने बच्ची को जन्म दिया। इस बीच ट्रेन बक्सर स्टेशन पहुंचने वाली थी पहले से सूचना होने के कारण ट्रेन को बक्सर स्टेशन पर रोका गया। मेडिकल टीम पहुंची और नवजात बच्ची को टेटवेक का टीका लगाया। जच्चा और बच्चा की स्वास्थ की जांच हुई। इसके बाद ट्रेन बक्सर से भागलपुर के लिए खुली। दोनों टीटीई ने फतुहा स्टेशन आने पर जच्चा बच्चा को सुरक्षित प्लेटफार्म पर उतारा।
बेटी के नाम जब भी लेंगे तो याद आएगा विक्रमशिला का नाम
ट्रेन में सुरक्षित प्रसव होने के बाद माता-पिता के चेहरे खुशी से खिल उठे। माता-पिता ने कहा कि जब भी बच्ची का नाम लेंगे तो विक्रमशिला का नाम और वह सफर हमेशा याद आएगा। जी का नाम चैन से मिलता जुलता रखने के बाद पुलिस सफर में यात्रियों के बीच यह चर्चा का विषय बना रहा बच्ची के माता-पिता सहित दूसरे यात्रियों ने भी दोनों टीटीई के प्रति आभार जताया और उनके साहसिक कदम के लिए बधाई भी दी। मालदा के रेल मंडल प्रबंधक यतेंद्र कुमार ने इस खबर को ट्वीट किया है और प्रशंसा की है।
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