कोलकाता।
बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नेताओं को वापस लेने पर मुख्यमंत्री व पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहतीं। वे इस मामले में 'धीरे चलो' की नीति अपना रही हैं। गौरतलब है कि सोनाली गुहा से लेकर राजीब बनर्जी तक कई नेता तृणमूल में लौटना चाहते हैं। सोनाली गुहा तो फेसबुक पोस्ट के जरिए ममता से माफी भी मांग चुकी हैं। उन्होंने यहां तक कहा है कि वे 'दीदी' के बिना जी नहीं पाएंगी।
वहीं राजीब बनर्जी भी चुनावी नतीजे आने के बाद से ही भाजपा से दूरी बनाकर चल रहे हैं। उन्होंने अब तक सार्वजनिक तौर पर तृणमूल में लौटने की इच्छा तो नहीं जताई है लेकिन सूत्रों की मानें तो वे अपने करीबी लोगों के जरिए तृणमूल के आला नेताओं के संपर्क में हैं। तृणमूल के नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने दावा किया है कि ऐसे बहुत से नेता, जो चुनाव से पहले तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे, अब पार्टी में लौटना चाहते हैं। इनमें सिर्फ भाजपा के टिकट पर चुनाव हारे हुए नेता ही शामिल नहीं हैं, बल्कि वे नेता भी शामिल हैं, जो भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते हैं।
सूत्रों ने बताया कि अभिषेक ममता के निर्देश की प्रतीक्षा कर रहे हैं। वहां से ग्रीन सिग्नल मिलने पर ही तृणमूल में इन नेताओं की वापसी हो पाएगी। तृणमूल की वर्किंग कमेटी की अगली बैठक में इसपर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। अभिषेक पिछले दिनों जिस तरह से भाजपा नेता मुकुल राय की बीमार पत्नी को देखने अस्पताल गए थे और उसके बाद मुकुल के पुत्र शुभ्रांशु राय ने जिस तरह से ममता सरकार की प्रशंसा की थी, उससे इन दोनों के भी तृणमूल में लौटने की अटकलें हैं।
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