पड़ताल:बिहार
कोरोना वैक्सीनेशन के लिए प्रोटोकॉल है। इसके तहत टीका देने से पहले थर्मल स्क्रीनिंग और वैक्सीनेशन के बाद 30 मिनट के ऑब्जर्वेशन का नियम बनाया गया है। लेकिन बिहार में इस गाइडलाइन को ही साइड कर दिया गया है। वैक्सीनेशन सेंटर से थर्मल स्कैनर ही गायब है। न किसी का बुखार चेक हो रहा है और न ही टीका देने के बाद ऑब्जर्वेशन हो रहा है। राजधानी पटना से लेकर राज्य के 38 जिलों में कहीं भी अब इस नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। यह बड़ा खुलासा पत्रकारों की टीम के पड़ताल में हुआ है।
पहले जान लीजिए, क्या है वैक्सीनेशन का नियम
वैक्सीनेशन को लेकर भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गाइडलाइन जारी की गई थी। इस गाइडलाइन के तहत कोरोना के वैक्सीनेशन को लेकर प्रोटोकॉल तैयार किया गया था। इसमें वैक्सीनेशन के पहले और उसके बाद मॉनिटरिंग को लेकर कई दिशानिर्देश दिया गया है। प्रोटोकॉल का सही ढंग से पालन हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने 3 राउंड में डेमो भी कराया था। बिहार में 3 बार डेमो कराया गया और इसमें स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के साथ स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव तक शामिल हुए।
वैक्सीनेशन को लेकर यह है गाइडलाइन
- =तीन कमरे वाला वैक्सीनेशन सेंटर बनाया जाएगा।
- =वेटिंग, वेरिफिकेशन के बाद ऑब्जर्वेशन का रूम बनाया जाए।
- =वैक्सीन देने से पहले संबंधित लाभार्थी के शरीर का तापमान देखना होगा।
- =टीका के बाद संबंधित लाभार्थी को 30 मिनट के मेडिकल ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा।
- =टीका लगाने के पहले कक्ष में प्रवेश करते समय हाथ को सैनिटाइज करना है।
- =ऑब्जर्वेशन कक्ष में दवा के साथ एक्सपर्ट की व्यवस्था की जाएगी।
राजधानी की जान लीजिए हकीकत
राजधानी प्रदेश की व्यवस्था का आईना होती है लेकिन बिहार में टीकाकरण के प्रोटोकॉल में आइना ही धुंधला पड़ा है। पटना में किसी भी सेंटर पर वैक्सीनेशन के पहले थर्मल स्क्रीनिंग नहीं की जा रही है। पत्रकारों की टीम के पड़ताल ने गर्दनीबाग हॉस्पिटल, पटना मेडिकल कॉलेज, केंद्रीय विद्यालय दानापुर, रामदेव महतो सामुदायिक भवन, वूमेन आईआईटी दीघा, मां हाई स्कूल पटना, ए एन कॉलेज पटना, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, रेलवे हाई स्कूल, टीपीएस कॉलेज, गंगा देवी महिला कॉलेज, एसके मेमोरियल के साथ एक दर्जन से अधिक वैक्सीनेशन सेंटरों की पड़ताल की। कही भी प्रोटोकॉल का पालन होते नहीं देखा गया। कई सेंटर तो ऐसे हैं जहां एक ही कमरे के केंद्र को वैक्सीनेशन सेंटर बना दिया गया है। यहां न तो शरीर के तापमान को लेकर कोई व्यवस्था देखने को मिली और न ही ऑब्जर्वेशन को लेकर कोई व्यवस्था दिखी।
टीका लेने वालों ने बताई प्रोटोकॉल की सच्चाई
दानापुर की संध्या कुमारी ने गर्दनीबाग हॉस्पिटल में वैक्सीनेशन कराया है। यहां न तो उनका सैनिटाइजेशन कराया गया और न ही थर्मल स्क्रीनिंग की गई। संध्या का कहना है कि कोई ऑब्जर्वेशन भी नहीं किया गया। दानापुर की सृष्टि ने भी टीका लिया, लेकिन सेंटर पर न तो उनका सैनिटाइजेशन किया गया और न ही थर्मल स्क्रीनिंग की गई। कंकड़बाग के पीयूष का कहना है कि थर्मल स्क्रीनिंग की कोई व्यवस्था नहीं है, लेकिन हाथ सैनिटाइज किया गया है। वैक्सीन लेने के बाद रोका नहीं जा रहा है। यारपुर की देवंती देवी का कहना है कि कोई सैनिटाइजेशन करने वाला नहीं है और न ही कोई थर्मल स्क्रीनिंग की गई।
गया में भी टूट रहा वैक्सीनेशन का प्रोटोकॉल
गया में भी किसी सेंटर पर वैक्सीनेशन का प्रोटोकॉल पालन नहीं हो रहा है। गया के आजाद नगर पुलिस लाइन वैक्सीन सेंटर पर 18+ का वैक्सीनेशन किया जा रहा है लेकिन यहां किसी भी व्यक्ति की थर्मल स्क्रीनिंग नहीं की जा रही है। शनिवार को जो भी आया उसके रजिस्ट्रेशन का वेरिफिकेशन कर टीका लगा दिया जा रहा है। न तो स्क्रीनिंग की जा रही है और न ही ऑब्जर्वेशन किया जा रहा है। जिले के अन्य सेंटराें का भी यही हाल है। कहीं भी थर्मल स्क्रीनिंग नहीं की जा रही है।
भागलपुर में भी टूट रहा वैक्सीनेशन का प्रोटोकॉल
भागलपुर में भी पड़ताल के दौरान वैक्सीनेशन के प्रोटोकॉल का पालन किसी सेंटर पर देखने को नहीं मिला है। किसी भी सेंटर पर थर्मल स्क्रीनिंग नहीं हो रहा था। इतना ही नहीं, किसी भी सेंटर पर सैनिटाइजेशन की भी व्यवस्था नहीं की गई। वार्ड 33 के शमशाद अहमद का कहना है कि वह वैक्सीनेशन के लिए आए लेकिन न तो सैनिटाइजेशन किया गया और न ही थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इसी तरह मोहम्मद ताहिर और जलालुद्दीन के साथ कासिम ने भी बताया कि वैक्सीनेशन के पहले कोई स्क्रीनिंग नहीं की गई है। इतना ही नहीं, वैक्सीन लेने के बाद ऑब्जर्वेशन के लिए भी नहीं रोका गया।
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