नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट के नोटिस का जवाब देते हुए राजस्थान सरकार ने दुष्कर्म मे उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम बापू की जमानत का विरोध किया है। बुधवार को राजस्थान सरकार ने कहा कि आसाराम आयुर्वेद केंद्र स्थानांतरित होने के इरादे से जानबूझकर जोधपुर एम्स द्वारा बताई गई दवाओं को नहीं ले रहे हैं। जोधपुर एम्स मे इलाज हो सकता है उन्हें स्थानांतरित करने की जरूरत नहीं है।
इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान दुष्कर्म के दोषी आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत अर्जी पर सुनवाई कर अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था और राज्य सरकार से जवाब मांगा था।
राजस्थान सरकार ने दुष्कर्म मे उम्रकैद काट रहे आसाराम बापू की पैरोल/जमानत का किया विरोध। कहा आसाराम आयुर्वेद केंद्र स्थानांतरित होनेके इरादे से जानबूझकर जोधपुर एम्स द्वारा बताई दवाएं नहीं ले रहेहैं। जोधपुर एम्स मे इलाज हो सकता है उन्हें स्थानांतरित करने की जरूरत नही है
दरअसल आसाराम ने खराब सेहत के आधार पर इलाज के लिए सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मांगी है। आसाराम ने हरिद्वार के पास एक आयुर्वेद केन्द्र मे इलाज की मांग की है। कोर्ट ने इस मांग पर राजस्थान सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। राजस्थान ने दाखिल जवाब में मांग का विरोध किया है। मई के शुरुआत में आसाराम कोरोना संक्रमण के चपेट में आ गया था। संक्रमित होने के बाद आसाराम को एम्स में भर्ती किया गया था। आसाराम ने अपने बिगड़ते स्वास्थ्य और कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए आयुर्वेद पद्धति से उपचार के लिए जमानत याचिका लगाई थी, जिसमें उपचार व स्वास्थ्य लाभ के लिए दो माह तक अंतरिम जमानत दिए जाने की गुहार की थी।
इससे पहले भी आसाराम ने राजस्थान हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी लेकिन हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। दुष्कर्म मामले में दोषी पाए जाने के बाद से आसाराम बापू आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है। वर्ष 2018 में आसाराम को दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। नाबालिग लड़की ने आसाराम पर आरोप लगाया था कि उसे आसाराम ने जोधपुर के पास मणाई इलाके में अपने आश्रम में बुलाया था और 15 अगस्त 2013 को दुष्कर्म किया था।
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