[ वरीय पत्रकार सह चीफ एडिटर www.inbnew.com-विवेक चन्द्रा, पटना]
परदेश की सीमा पर रिश्तो की खुशबू बिखेर रहे इस कलमकार की कहानी पढ़िए:-
ये कहानियां एक वैसे कलमकार की है जो दो देशों की संस्कृति में साझेपन की खुशबू भर उसे पावन बनाने में जुटे हैं।इनकी कोशिश परदेश की सीमा पर फीजा में एकता और मजबूत रिश्ते के शरबती रंग घोल उसे बचाने और संवारने की है। पेशे से पत्रकार इस शख्स ने दो देशों के संबंधों में मिठास भरने के लिए अब तक सरहदों पर 100 से अधिक बैठक की है। पढ़ें भारत और नेपाल के बेटी रोटी के संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की पहल में जुटे अमरेन्द्र तिवारी की कहानी
मेरा जन्म भारत नेपाल के सीमावर्ती इलाके और बापू की कर्मभूमि रहे चंपारण के आदापुर ब्लॉक के गम्हरिया खुर्द गांव में हुआ। यह तिरहुत कमिश्नरी में पड़ता है। बचपन से हमने भारत और नेपाल के नागरिकों के संबंधों की मिठास देखी। नेपाल के नागरिकों का हमारे देश में न सिर्फ आना जाना बल्कि शादी ब्याह तक का संबंध खुब हुआ करता था। भारत की लड़कियां भी नेपाल में ब्याही जाती। किसी का मायका इस देश में तो किसी का ससुराल उस देश में। दोनों देशों के बीच बेटी रोटी का संबंध रहा है।कभी यह दूसरे देश वाली भावना लगी ही नहीं। इधर साल 2005 के आसपास दोनों देशों के संबंधों में थोड़ी कटूता आने लगी। राजनैतिक संबंध इस कदर हो गए कि खुली सीमा पर बाड़ लगाने की बात चलने लगी। उसी वक़्त मुझे लगा कि दोनों देशों की सरकारें तो अपनी पहली कर ही रही है हमें भी कुछ न कुछ पहल करनी चाहिए। उसी वक़्त मैंने मीडिया फार बोर्डर हारमोनी का गठन किया और रिश्तों को मजबूत करने की कोशिश शुरू की।
यह कहना है पेशे से पत्रकार और मीडिया बार बोर्डर हारमोनी के संस्थापक अमरेन्द्र तिवारी का।

साझी संस्कृति की साझी पहल
अमरेंद्र बताते हैं कि दोनों देशों के बीच उनकी संस्था द्वारा आयोजित किए जाने वाले बैठकों में दोनों देशों के स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी और पत्रकार शामिल होते हैं इन बैठकों में दोनों देशों की सीमा पर स्थित स्थानीय निवासियों की समस्याओं को प्रमुखता दी जाती है और इसे सुलझाने के प्रयत्न किए जाते हैं। दोनों देशों के जनप्रतिनिधि और स्थानीय अधिकारी की मौजूदगी के कारण आमतौर पर समस्या का निवारण मौके पर ही तलाश लिया जाता है। अमरेन्द्र की संस्था भारत और नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में
अब 100से अधिक बैठकें आयोजित कर चुकी है।

मीडिया की भूमिका अहम
अमरेंद्र कहते हैं कि किसी भी दो देशों के रिश्ते की मजबूती के लिए मीडिया भी प्रमुख भूमिका निभाती है हमारी कोशिश दोनों देशों के मीडिया के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करने की भी रहती है. पहले दोनों देशों के पत्रकार एक दूसरे पर गलतियां मढ दिया करते थे। साथ ही अखबारों की हैडलाइन भी कई बार भ्रामक हुआ करती थी। हमारी कोशिशों के बाद इस पर काफी हद तक रोक लगी है.

बदलने लगी फीजा
अमरेंद्र तिवारी अपने इस पहल को लेकर लगातार देश के शीर्ष नेताओं से संपर्क में भी रहते हैं ।नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह, अमित शाह, तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज समेत कई शीर्ष नेताओं से भारत और नेपाल के संबंध की मजबूती के लिए अमरेंद्र मुलाकात कर चुके हैं। यूपीए के शासनकाल में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी अमरेंद्र ने मुलाकात कर मांग पत्र सौंपा था। वही नेपाल के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर समय-समय पर व स्थानीय समस्याओं से उन्हें रूबरू कराने का कार्य करते रहे हैं। नेपाल के राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, पूर्व प्रधानमंत्री माधव नेपाल, उपप्रधानमंत्री उपेंद्र यादव, और राजेंद्र महतो पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प दहल प्रचंड, शेर बहादुर देउबा व नेपाल के वरिष्ठ राजनेता अनिल झा, राजेंद्र महतो डॉक्टर डिंपल झा, नेपाल प्रदेश संख्या दो के मुख्यमंत्री लालबाबू राउत गद्दी, नेपाल के सांसद प्रभु साह, जैसे नेताओं से वह लगातार संपर्क में रहकर भारत नेपाल की समस्याओं की जानकारी देते रहते हैं। अमरेंद्र के प्रयासों से दोनों देशों के बीच कई समस्याओं का समाधान अब तक हो चुका है। अमरेंद्र ने भारत सरकार द्वारा कॉल रेट कम किए जाने का प्रस्ताव भी दिया था भारत सरकार ने इसे भी प्रमुखता से लिया । अमरेंद्र कहते हैं किसके साथ साथ भारत नेपाल मैत्री बस सेवा नेपाल में गैस पाइप लाइन का निर्माण, भारत के सहयोग से नेपाल में ट्रामा सेंटर के निर्माण में भी हमारी संस्था की महत्वपूर्ण पहल रही है। आज दोनों देशों के रिश्तो में फिर मधुर हो गए हैं उच्च शिक्षा के लिए नेपाल से , सैकड़ों छात्र आज भारत आते हैं

‘रिश्ते’ का करते हैं प्रकाशन
अमरेंद्र की संस्था दोनों देशों के रिश्तो की मिठास पर केंद्रित रिश्ते पत्रिका का प्रकाशन भी करती है इस पत्रिका में दोनों देशों के लोगों द्वारा लिखे गए आलेख कविताएं कहानियां और संस्मरण प्रकाशित किए जाते हैं।
संस्था के सफर में इनका मिलता रहा मार्गदर्शन

अमरेंद्र आगे बताते हैं कि उनकी संस्था के संचालन में भारत और नेपाल के कई लोगों ने काफी मदद की है, भारत के पूर्व सांसद कैप्टन जयनारायण निषाद का इसमें खासा योगदान रहा, वहीं पूर्व मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने ताउम्र इस संस्था की मदद की, मुजफ्फरपुर (भारत)के सांसद अजय निषाद, और नेपाल के सांसद प्रदीप यादव संस्था के संरक्षक की भूमिका निभाते हैं। वे यह भी कहते हैं कि जनप्रतिनिधियों में सांसद डॉक्टर संजय जयसवाल और सांसद सतीश दुबे के भी वह विशेष आभारी हैं। इसके साथ साथ एसएसबी के वरिष्ठ अधिकारी ए के सिंह और संजय कुमार ने समय-समय पर उनका हौसला बढ़ाया है।

बात नेपाल की करें तो नेपाल के नेपाल के वरिष्ठ पत्रकार सामाजिक चिंतक, लेखक चंद किशोर झा, नेपाल एमएफबीएच के अध्यक्ष वरीय पत्रकार अनिल तिवारी, वरिष्ठ फोटोजर्नलिस्ट राम सराफा, वरीय पत्रकार रितेश त्रिपाठी, रोहतहट के पत्रकार किशोरी यादव रविंद्र प्रसाद, प्रेमचंद्र झा, जनकपुर के वरिष्ठ पत्रकार बृज किशोर यादव, काठमांडू के वरिष्ठ पत्रकार पंकज दास, शीतल महतौ का लगातार सहयोग समर्थन मिलता रहा है।
नेपाल के उद्योगपति अशोक वैैद्यय, राजेश अग्रवाल, बीरगंज के मेयर विजय सरागवी, प्रदेश संख्या दो के मंत्री ओम प्रकाश शर्मा ने भी समय-समय पर संस्था का मार्गदर्शन किया है।
नेपाल के उद्योगपति अशोक वैैद्यय, राजेश अग्रवाल, बीरगंज के मेयर विजय सरागवी, प्रदेश संख्या दो के मंत्री ओम प्रकाश शर्मा ने भी समय-समय पर संस्था का मार्गदर्शन किया है।
पिता की दी नैतिक शिक्षा देती है हिम्मत
अमरेंद्र बताते हैं कि संस्था के गठन और संचालन में उनके पिता काशी तिवारी का भी काफी समर्थन उन्हें मिला। अमरेंद्र कहते हैं कि पिता की दी हुई नैतिक शिक्षाएं बुरे वक्त में भी अच्छाई का रास्ता बता दी हैं और मन में हिम्मत भरती है।
दो देशों के रिश्ते को मजबूत करने की कोशिशों का सफर जारी है। अमरेंद्र अब दोनों देशों के बॉर्डर पर रहने वाले गरीब बच्चों को बड़े पैमाने पर कंप्यूटर की शिक्षा निशुल्क देना चाहते हैं इसके लिए वह कोशिशों में जुटे हैं।
----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
संपादक -गिरीश कुमार श्रीवास्तव , www.inbnew.com[ग्रुप समाचार वाहिनी-आर.एन.आई. न-44492/ 88]
💐-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
विज्ञापन-[F]
सीमांचल का एक मात्र विश्वासी अस्पताल किरण आँखा अस्पताल-
0 टिप्पणियाँ