भारत नेपाल बोर्डर पर तनाव, पानी का संकट

रिपोर्ट:-सीतेश कुमार, (संपादक-लिखते रहो एवम् www.inbnew.com)


पश्चिम चंपारण में भारत-नेपाल सीमा पर नेपाल के परसा जिला के ठोरी में करीब तीन किलोमीटर तक कटीले तार की फैंसिंग करा दी गई है। यह इलाका नो मेंस लैंड के करीब का है। नेपाल सरकार की ओर इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। पिलर संख्या 435/1 से 439/4 के बीच कंटीले तार से की गई फैंसिंग की रिपोर्ट एसएसबी के फ्रंटियर आईजी पंकज दराद ने मुख्यालय को भेज दी है। पश्चिम चंपारण के जिला प्रशासन को भी इससे अवगत कराया है।

बताया जाता है कि मुख्यालय के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। फ्रंटियर आईजी ने बताया कि कुछ हिस्सों में कंटीले तार से घेराबंदी करायी जा रही है जो नेपाल का हिस्सा है। लेकिन, वह नो मेन्स लैंड के समीप है। एसएसबी के फ्रंटियर आईजी ने बताया कि इसकी जांच स्थानीय एसएसबी की 44वीं वाहिनी के पदाधिकारी से करायी गई। जांच में पाया गया कि कुछ हिस्सा में कंटीले तार से फैंसिंग करायी जा रही है। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी वर्ष 2018, 2019 और 2020 में फैंसिंग कर दी गई थी। इधर, फैंसिंग होने की वजह से स्थानीय लोगों की परेशानी बढ़ गई है। इसे लेकर दोनों देशों के लोगों के बीच आक्रोश है।


भारत में रहने वाले थारु जनाजाति के लोगों को हो रही पानी की समस्या

पश्चिमी चंपारण के सीमावर्ती क्षेत्र में थारु जनजाति की आबादी अधिक है। वे पीने के पानी के लिए नेपाल के ठोरी इलाके पर निर्भर हैं। लेकिन, कंटीले तार की घेराबंदी की वजह से उनका आना जाना बंद हो गया है। पानी की समस्या बढ़ गई है। अधिकारियों की मानें तो इस तरह की घेराबंदी से दोनों देशों के रिश्तों में खटास उत्पन्न होने की आशंका जताई जा रही है। आदापुर के बेलदरवा बोर्डर पर तनाव है। वहां पर दोनों देश के नागरिकों को इधर से उधर नहीं जाने देने के कारण लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। खाने-पीने के समान को रोका जा रहा है।

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सर्लाही बोर्डर पर बढ़ा तनाव


सीतामढी ।

कोरोना संक्रमण को लेकर नेपाल सरकार ने बीते डेढ़ वर्षो से बॉर्डर को सील कर रखा हैं। इस बीच कभी-कभी सर्लाही जिला मुख्यालय मलंगवा के प्रशासनिक पहल पर दोनों देश के नागरिकों को पैदल आने जाने की सुविधा मुहैया कराई जाती है। सोमवार को दोपहर बाद से सोनबरसा बाजार से सटे झीमनदी के पुल होकर दोनो देश के नागरिकों के आवाजाही पर नेपाल के सशत्र सीमा सुरक्षाबल ने रोक लगा दी। जिसको लेकर दोनों देश के नागरिक नेपाल के प्रशासन के विरुद्ध आक्रोशित हैं। शाम सात बजे के बाद थोड़ी देर के लिये पुन: आवाजाही की छूट दी गयी।

मंगलवार को भारतीय क्षेत्र से खाद्यान्न लेकर नेपाल के त्रिभुवननगर बाजार की ओर जाती कुछ महिलाओं की आवाजाही पर सशत्र सुरक्षा बल के जवानों ने शिकंजा कस दिया। जिसको लेकर महिलाओं ने सुरक्षा बल के जवानों के साथ बकझक कर ली। इसके बाद मामला बिगड़ गया और हाथापायी की नौबत आ गयी। सूचना मिलने पर नेपाल के प्रशासनिक अधिकारी ने पहुंचकर मामले को सुलझाया। जिला मुख्यालय मलंगवा के सीडीओ व एसपी के अदेश पर झीम नदी पुल पर पुलिस बल की संख्या बढ़ा दी गयी है। सीडीओ रामकुमार महतो के साथ एसपी संतोष राठौर ने बताया कि कोरोना के प्रारंभिक दौर से ही दोनो देश के सीमाई रास्तो को सील कर रखा गया है। हाल के दिनों में भारतीय क्षेत्र के एसएसबी की पहल पर हनुमान मन्दिर चेकपोस्ट के रास्ते सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक के लिये दोनो देश के नागरिकों को आवाजाही की छूट दी गई है। जबकि नेपाल सरकार के तरफ से केंद्रीय मंत्री परिषद के आदेश के बिना किसी प्रकार की छूट नही दी जा सकती। सीडीओ ने बताया कि दोनों देश के बीच त्रेतायुग से बेटी रोटी का संबंध कायम हैं। किन्तु दोनों देश के बीच आवाजाही की सुविधा बगैर केंद्रीय मंत्रिमंडल की सहमति के नहीं दिया जा सकता।

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