रक्सौल, पुर्वी चम्पारण, बिहार
*सरिसवा नदी के प्रदूषित व काले पानी के विरोध में सरिसवा नदी बचाव आंदोलन के द्वारा जलाए गए 551 दीप
पर्यावरण की रक्षा एवं अति प्रदूषित जीवनदायिनी सरिसवा नदी की रक्षा के लिए शनिवार को रक्सौल स्थित नागा मठ पर 551 दीपों की माला बनाई गई। सैकड़ों पुरुष एवं महिलाओं ने अपनी हथेलियों पर जलता हुआ दीपक लेकर नदी की रक्षा रक्सौल की तरह करने का संकल्प लिया। इसलिए इसके लिए हम सभी कृत संकल्प है और नदी के प्रदूषित होने से बचाव को लेकर सभी प्रकार के प्रयास करेंगे।
समारोह की अध्यक्षता नदी बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष प्रो. डा. अनिल कुमार सिन्हा ने की एवं संचालन प्रो. मनीष दूबे ने किया। उक्त अवसर पर सरिसवा नदी बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष प्रो. डॉ अनिल कुमार सिन्हा ने कहा कि आज पर्यावरण के प्रति सरकार एवं स्थानीय प्रशासन की उदासीनता का परिणाम है रक्सौल की काली, जहरीली एवं दुर्गंध युक्त नदी।
नदी के कारण आम जनता त्राहि-त्राहि कर रही है एवं उसका परिणाम भी भुगत रही है। सैकड़ों की जान जा चुकी है और कई असाध्य रोगों से ग्रस्त होकर मृत्यु शैय्या पर हैं।
उन्होंने कहा कि छठ पर्व के अवसर पर छठ व्रती इस जहरीले जल में घंटो खड़ा हो कर सूर्य भगवान को अर्घ देंगी और देश के कोने-कोने सहित विदेशों से भी अपने परिवार के साथ पर्व मनाने आते हैं पर नदी के तट पर आकर घोर निराश हो जाते हैं। होमियोपैथिक दवा की एक बूंद पूरे शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है और आज दुर्गन्ध देती जहरीली नदी के जल से वर्ती अर्घ्य देती हैं। दुर्भाग्य है कि छठ जैसे महापर्व के अवसर पर भी नदी के कालेपन एवं प्रदूषण को देखकर भी ना नेपाल प्रशासन कोई प्रयासरत है और ना ही भारतीय प्रशासन।
प्रो. सिन्हा ने स्थानीय सांसद सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल को धन्यवाद दिया जिनके प्रयास से छठिया घाट, नागा मन्दिर घाट पर भारत सरकार के द्वारा आकर्षक घाट का निमार्ण होने जा रहा है। साथ ही मोक्ष धाम भी बनने जा रहा है।
प्रो. सिन्हा एवं संभावना के अध्यक्ष भरत प्रसाद गुप्ता सहित गणमान्य व्यक्तियों एवं उपस्थित जन समूह ने सभी राजनीतिक दलों एवं प्रशासनिक अधिकारियों से आग्रह किया है कि नेपाल से आने वाली नदी को भारत में प्रवेश स्थल पर इनफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट बैठाई जाए साथ ही नदी में कल कारखानों के जहरीले अवशेष को बहने से रोका जाए।
अवसर पर समारोह में उपस्थित सैकड़ों की संख्या में आमजनो ने 551 दीपों की माला तैयार की एवं सरिसवा नदी को बचाने का संकल्प लिया। सब लोगों ने हाथ जोड़कर सर्वशक्तिमान ईश्वर से प्रार्थना किया कि भारत एवं नेपाल के अधिकारियों राजनीतिक दल को सद्बुद्धि प्रदान करें ताकि नदी की रक्षा में मुख्य भूमिका अदा कर सकें। समारोह की शुरुआत प्रो. किरण बाला, ई. सुरभि सुमन, ई. पूजा, विमला देवी, शैल देवी, सविता कुमारी, स्नेह लता एवं रंभा देवी आदि ने महादीप प्रज्वलन की शुरूआत दीप जलाकर किया।
समारोह में प्रो. चन्द्रमा सिंह, दुर्गेश साह, स्वच्छता के सिपाही सुरेश, पिंटू गिरी, राकेश वर्मा, संजय पटेल, डा. अनिल कुमार, जयनारायण तिवारी, राकेश कुशवाहा, संतोष छात्र वंशी, ई. विकास कुमार, समरजीत कुमार, दुर्गेश कुमार, आनंद तिवारी, उदय कुमार सिंह, विकेश कुमार, मानकेश्वर पटेल, प्रेम गुप्ता, विजय कुशवाहा, मदन पटेल, श्रीराम शर्मा, मनीष कुमार आदि ने कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम में 251 छठ व्रतियों को साड़ी, नारियल, सुपली एवं अगरबत्ती प्रदान किया गया।
0 टिप्पणियाँ