रक्सौल:-
सोमवार को एक समारोह के बीच आर्किटेक्चर , इंटरीरियर डिजाइन व लैंड स्केप की सेवा प्रदायता कार्यालय 'प्रांगण शिल्प' का शुभारंभ हुआ। कार्यालय का उद्घाटन वयोवृध्द समाजसेवी राम विलास प्रसाद, सम्भावना संस्था के अध्यक्ष भरत प्रसाद गुप्त व केसीटीसी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ प्रो रघुनाथ गुप्ता ने संयुक्त रूप से फीता काट व दीप प्रज्वलित कर किया।
उन्होंने कहा कि रक्सौल जैसे शहर में आर्किटेक्चर कार्यालय का खुलना सराहनीय है,क्योंकि,शहर के विकास व भवनों के बेहतरीन निर्माण में न इससे केवल बल मिलेगा, बल्कि,वीरगंज जैसे महानगर की होड़ में आने के लिए तकनीकी सहयोग मिल सकेगा। अंबाला के एम एम यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर डिग्री हासिल किए आर्किटेक्ट जीवेश नन्दन 'प्रांगण शिल्प 'के संचालक हैं।
उन्होंने लखनऊ में लखनऊ डेवलपमेंट ऑथोरिटी के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए विभागीय सेवा देने के बाद रांची में भी कार्य किया है।
*संपर्क नंबर :9430211777* (भारतीय वास्तुकला परिषद से रजिस्टर) पता : ब्लाक रोड, हनुमान मंदिर के पीछे, ( होटल प्रेसिडेंट ईन के समीप)
रक्सौल, पूर्वी चम्पारण , बिहार इस सेवा शुरू करने के बारे में बताया कि इस तरह की सेवा केवल पटना जैसे महानगरों में ही उपलब्ध है । सीमावर्ती शहर रक्सौल में इसका बहुत स्कोप है,बशर्ते वास्तु के बारे में समझना व जागरूक होना होगा।उन्होंने कहा कि लोग लाखों-करोड़ों रुपये आवासीय एवं व्यावसायिक भवन, कार्यालय ,फैक्ट्री निर्माण, होटल आदि पर खर्च कर देते हैं। लेकिन,महंगा निर्माण ही सही नही,क्योंकि, कम खर्च और कम जमीन पर भी बेहतर निर्माण और मॉडर्न लुक दिया जा सकता है। कम स्पेस में भी बेहतर भवन आदि निर्मित हो सकता है,जो ,रक्सौल जैसे महंगे भूमि को देखते हुए काफी अहम है। उन्होंने कहा कि देश के महानगरों-शहरों में इसके प्रति जागरूकता है। पड़ोस के वीरगंज में इसी कला के जरिये शहर और शहर के लोग उदाहरणीय निर्माण करवा रहे हैं। जो यहाँ भी सम्भव है। उन्होंने कहा कि हमारा मूल मंत्र है कि "लेस इज़ मोर" जैसे कि कम लागत, कम जगह में आपका सपना हो साकार' उन्होंने बताया कि वास्तुकला मूलतः आर्ट व साइंस का समायोजन है,जो आज के समय मे काफी उपयोगी व सुख,शांति, सकून के दृष्टिकोण से हरेक लोगों की जरूरत है।
सेवाएं : नक्शा सभी प्रकार का नवीनीकरण साइट सुपरविजन
इंटीरियर एवं एक्सटीरियर डिज़ाइन, आदि
(नोट : सभी कार्य बिहार बिल्डिंग उपनियमों के अनुकूल)
मौके पर डॉ विजय मंगल देव,डॉ प्रो महेश्वर झा, विकास मंगल
देव,वैध नाथ प्रसाद, राजेश गुप्ता,वीरेंद्र गुप्ता,रणजीत सिंह,मुन्ना
सिंह,राजकुमार गुप्ता,मदन गुप्ता आदि मौजुद रहे।
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