2005 में जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में सत्ता संभाली थी, तभी उन्होंने 22 मार्च को बिहार दिवस मनाने का किया था ऐलान ।

पटना( विवेक) 

बिहार  राज्य को अलग पहचान मिले तो आज 110 साल हो गए लेकिन 22 मार्च को 'बिहार दिवस' मनाने का चलन 10 साल पहले ही शुरू हुआ है। इसकी औपचारिक शुरुआत साल 2008 में ही हुई थी। लेकिन आज की तरह धूमधाम से इस दिन को पहली बार 22 मार्च 2012 को मनाया गया था। इस दिन बिहार राज्य को बने 100 साल हुए थे.

असल में साल 2005 में जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में सत्ता संभाली थी, तभी उन्होंने 22 मार्च को बिहार दिवस मनाने का ऐलान किया था। इसका मुख्य मकसद अपने राज्य की विशिष्टताओं की दुनियाभर में ब्रांडिंग और बिहारी होने पर गर्व करना था। इसके बाद साल 2008 में पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में बिहार दिवस समारोह की शुरुआत एक दिवसीय उत्सव के रूप में हुई थी। साल 2009 से इसका विस्तार राज्यभर में हुआ। गांधी मैदान में तीन दिवसीय मुख्य समारोह तभी आरंभ हुआ। साल 2012 में 100वें स्थापना दिवस पर पटना सहित पूरे राज्य में भव्य समारोह कराए गए। पटना के गांधी मैदान सहित अन्य भवनों को दुल्हन की तरह सजाया गया था।

22 मार्च 2012 को 100वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में CM नीतीश और अन्य नेता। - Dainik Bhaskar
22 मार्च 2012 को 100वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में CM नीतीश और अन्य नेता।

तीन बार बांटा गया, तब आज के जैसा हुआ है बिहार
इतिहास स्कॉलर कुमार राघवेंद्र बताते है कि 1857 में पहले सिपाही विद्रोह के बाद से ही बिहार को अलग राज्य बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी थी। बाबू कुंवर सिंह का भी इसमें बड़ा योगदान था। साल 1912 में अंग्रेजों ने बंगाल का विभाजन कर बिहार नाम का अलग राज्य बनाया. बिहार शब्द का जन्म बौद्ध विहारों के 'विहार' शब्द से हुआ है। बाद में यह बिगड़ कर 'बिहार' हो गया।

बंगाल विभाजन के बाद पटना को बिहार की राजधानी बनाया गया। फिर सारी गतिविधियों का केंद्र पटना हो गया। 1946 में बिहार की पहली कैबिनेट बनी, जिसमें श्री कृष्ण सिंह प्रथम प्रधानमंत्री बने और अनुग्रह नारायण सिन्हा प्रथम उपप्रधानमंत्री बनाए गए। तब प्रधानमंत्री बनाए जाने की प्रथा थी। आजादी के बाद इसे मुख्यमंत्री नाम दिया गया।

22 मार्च 1912 को ब्रिटिश इंडिया के गवर्नर लार्ड हार्डिंग्स ने सम्राट जार्ज पंचम के निर्देश पर बंगाल, बिहार-उड़ीसा (संयुक्त बिहार) और असम प्रांत के गठन की अधिसूचना जारी की थी। उन्होंने बताया कि सर चा‌र्ल्स स्टुअर्ट बेली को संयुक्त बिहार का प्रथम लेफ्टिनेंट गवर्नर जनरल नियुक्त किया गया था। उस समय बिहार को पांच प्रमंडलों (भागलपुर, पटना, तिरहुत, छोटानागपुर और उड़ीसा) में बांटा गया।

बिहार जो अभी वर्तमान रूप में है, इसको तीन बार बांटा गया है। पहली बार 1 अप्रैल 1936 को उड़ीसा को बिहार से अलग कर उड़ीसा नाम के राज्य का गठन किया गया। दूसरी बार 1 नवंबर 1956 को राज्य पुनर्गठन की सिफारिश पर बिहार के पुरुलिया जिला और पूर्णिया जिले के इस्लामपुर को पश्चिम बंगाल में मिला दिया गया। फिर तीसरी बार 15 नवंबर 2000 को बिहार के खनिज एवं वन संपदा से संपन्न 18 जिलों को मिलाकर झारखंड राज्य बनाया गया। आज का बिहार अपने सबसे छोटे रूप में है! 

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