*नेपाल भारत मैत्री को मजबूत करने को लेकर आज दिल्ली पहुंचेगें नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा*
दिल्ली -
नेपाल में आधुनिक ढांचा स्थापित करने के लिए भारत अपनी पूरा सहयोग कर रहा हैं। भारत नेपाल मैत्री के सहयोग को गति देने के लिए आज नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा दिल्ली में होंगे।
भारत और नेपाल के द्विपक्षीय संबंधों की बुनियाद ही वहां के विकास में सहयोग पर टिकी है। इसके तहत भारत के सहयोग से सड़क, रेल, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली आदि कई क्षेत्र कवर किए जा रहे हैं। इसका मकसद नेपाल के विकास के साथ-साथ दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाना भी है। देउबा की यात्रा के दौरान कुर्था (जनकपुर) तथा जयानगर (बिहार) रेलमार्ग का उद्घघाटन होने की संभावना है। 35 किलोमीटर लंबा यह रेल लिंक दोनों देशों को जोड़ेगा। इसी प्रकार रक्सौल-काठमांडू रेल लाइन को लेकर भी सहमति बन सकती है। भारत ने नेपाल में आए भूकंप के दौरान 135 स्वास्थ्य केंद्र बनाने की घोषणा की थी जो लंबित है। इस पर भी दोनों देशों में सहयोग हो सकता है। इसके अलावा नेपाल को लेकर भारत की तरफ से कुछ अन्य घोषणाएं भी हो सकती हैं जिनमें सेना, नेपाली युवकों की सेना में भर्ती आदि मुद्दे हैं।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार जुलाई 2021 में जब देउबा पीएम बने और विश्वास मत हासिल किया था तो प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें फोन करके बधाई दी थी। इसके बाद नवंबर में ग्लास्गो में जलवायु वार्ता के दौरान मोदी ने उनसे मुलाकात भी की थी। अब दो अप्रैल को दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच उच्चस्तरीय बैठक होगी। देउबा वाराणसी भी जाएंगे। भारत नेपाल पत्रकारों के संगठन मीडिया फार बार्डर हारमोनी के संरक्षक सांसद अजय निषाद ने नेपाल के प्रधानमंत्री के यात्रा का स्वागत करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में इस यात्रा से दोनों देशों के रिश्ते और प्रगाढ होंगे । सांसद ने कहा कि नेपाल और भारत के बीच आदि काल से पारिवारिक व मजबूत सांस्कृतिक रिश्ता है। मीडिया फार बार्डर हारमोनी संगठन भारत नेपाल के साझा विकास व रिश्ते की मजबूती के लिए लगातार पहल कर रहा है । वरीय पत्रकार अमरेन्द्र तिवारी ने इस यात्रा का स्वागत किया है।
*भारत विकास में नेपाल का पुराना साझीदार है*
नेपाल में आधुनिक ढांचा स्थापित करने के लिए भारत-नेपाल सहयोग की शुरुआत 1951 में ही हो गई थी, जिसका समय के साथ-साथ विस्तार होता गया। नेपाल में गौचर हवाई अड्डा जिसे आज त्रिभुवन एयरपोर्ट के रूप में जाने जाता है, उसका निर्माण भारत के सहयोग से 1954 में पूरा किया गया था। विदेश मंत्रालय के अनुसार नेपाल प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की शुक्रवार से शुरू हो रही भारत यात्रा से विकास के इस साझीदार को और रफ्तार मिलेगी। इस बार भी दोनों देशों के बीच नए प्रोजेक्ट को लेकर बात होगी। दो अप्रैल को वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक करेंगे।
*भारत ने की थी नेपाल में सहायता मिशन की स्थापना*
पहली बार 1954 में भारत ने नेपाल में सहायता मिशन की स्थापना की थी ताकि वहां सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली और प्रशासन में मदद प्रदान की जा सके। बाद में कई और क्षेत्रों का विस्तार हुआ। भारत की तरफ से इसके लिए कर्ज और अनुदान दोनों प्रदान किए जाते रहे हैं।
*स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत की मदद, स्वस्थ नेपाल का सपना हो रहा साकार*
स्वास्थ्य क्षेत्र की बात करें तो भारत के सहयोग से नेपाल, भारत मैत्री इमरजेंसी ट्रामा सेंटर की स्थापना काठमांडू में 100 करोड़ की मदद से की गई है। यह एम्स जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है तथा नवंबर 2014 में इसका उद्घाटन किया गया था। इसी प्रकार बीपी कोइराला इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस में 125 करोड़ रुपये की लागत से एक नए मेडिकल ब्लाक की स्थापना भी 2014 में हुई है।
*नेपाल पुलिस अकादमी के निर्माण में सहायता*
सन 2000 में भारत ने नेपाल भारत मैत्री विद्यालय पोखरा की स्थापना की है जिसकी लागत 125 करोड़ रुपये है। इसके अलावा मनमोहन मेमोरियल पालीटेक्निक, मोरांग में 32 करोड़ निवेश किया है। नेपाल पुलिस अकादमी के निर्माण के लिए भी भारत का 650 करोड़ रुपये का एक प्रोजेक्ट चल रहा है।
*बिजली के क्षेत्र में भी भारत ने की मदद*
बिजली के क्षेत्र में भी भारत ने नेपाल को मदद प्रदान की है। त्रिशुली हाइड्रो पावर पर प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए भारत ने 14 करोड़ की सहायता प्रदान की है। हाल में मोतिहारी अमलेखगंज पेट्रोलियम पाइपलाइन की शुरुआत हुई है जिस पर भारत ने 329 करोड़ रुपये 2019 में खर्च किए हैं। इस लाइन से नेपाल के लोगों को दो रुपये प्रति लीटर पेट्रोल सस्ता मिलना शुरू हुआ।
*रेल एवं सड़कों के विस्तार को दी रफ्तार*
सरकार सूत्रों ने बताया कि भारत, नेपाल में रेल एवं सड़कों के विस्तार में भी मदद कर रहा है। तेराई रोड परियोजना के तहत नेपाल के पूर्व-पश्चिमी राजमार्गों को भारतीय सीमा से जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा मेछी नदी पर छह लेन का पुल भी पिछले साल भारत की मदद से पूरा हुआ है। भारत ने नेपाल में 2003 से अब तक 523 हाई इंपेक्ट कम्युनिटी डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट भी शुरू किए हैं। इनके तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली के बुनियादी ढांचे का विकास करना है। इनमें 467 पूरे हो चुके हैं।
1.65 अरब डॉलर के प्रोजेक्ट विस्तारित किए गए
विदेश मंत्रालय के अनुसार नेपाल को अलग-अलग परियोजनाओं के तहत 1.65 अरब डालर के प्रोजेक्ट विस्तारित किए गए हैं। इनमें सड़क, रेल आदि से जुड़े प्रोजेक्ट हैं। इसमें मुजफ्फरपुर-धालकेबर पावर ट्रांसमान लाइन भी शामिल है जिसे 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी नेपाल यात्रा के दौरान लांच किया था। इसी प्रकार नया मेछी ब्रिज भी पिछले साल बनकर तैयार हो चुका है। इसी प्रकार कोशी कॉरीडोर ट्रांसमिशन लाइन भी 10.40 अरब डालर की मदद से तैयार हो रही है। इसके दो पैकेज तैयार हो चुके हैं। इससे अरुण एवं तामोर बेसिन में बिजली प्रोजेक्ट लगने से दो हजार मेगावाट बिजली पैदा होगी।
*25 करोड़ डॉलर की राशि का अनुदान*
भारत ने नेपाल में 2015 में आए भूकंप के बाद एक अरब डालर के प्रोजेक्ट को मंजूरी प्रदान की थी जिसमें 25 करोड़ डालर की राशि अनुदान के रूप में है, मंजूर किए थे। इसके तहत 50 हजार घरों के निर्माण की परियोजना नवंबर 2021 में पूरी हो चुकी है जिसकी लागत 10 करोड़ डालर है। इसके अलावा 132 स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण को भी मंजूरी दी गई है।नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की भारत यात्रा को द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की दिशा में बेहद अहम माना जा रहा है।
*भारत एवं नेपाल के रिश्ते ऐतिहासिक एवं पारंपरिक रूप से प्रगाढ़ रहे हैं।* विदेश नीति के जानकारों का कहना है कि पिछले साल नेपाली कांग्रेस के सत्ता में आने और देउबा पीएम बनने के बाद भारत के साथ रिश्तों को पहले की तरह प्रगाढ़ करने के लिए भी कार्य कर रहे हैं। वे इससे पहले साल के शुरू में बाइब्रेट गुजरात कार्यक्रम में भी हिस्सा लेने के लिए आने वाले थे लेकिन यह कार्यक्रम कोरोना के चलते स्थगित हो गया। बहरहाल, चार साल के बाद नेपाल के पीएम की यह पहली भारत यात्रा हो रही है। 2018 में केपी शर्मा ओली आये थे। हालांकि देउबा चार बार पहले पीएम बन चुके हैं और वे चारों कार्यकाल में भारत आए थे।
*तीन दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचेंगे देउवा*
नेपाल के विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर देउबा आगामी एक से तीन अप्रैल के बीच अपनी पत्नी आरजू राणा देउबा के साथ भारत के आधिकारिक दौरे पर जाएंगे। इस दौरान वह दोनों देशों के बीच दशकों पुराने बहुआयामी दोस्ताना संबंधों को और मजबूत बनाने के उपायों पर अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी व कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत करेंगे। मालूम हो कि यह जुलाई 2021 में रिकॉर्ड पांचवीं बार नेपाल का प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद देउबा की पहली विदेश यात्रा होगी।
0 टिप्पणियाँ