नई दिल्ली-
रमजान आ गया है. रोजे रखने वालों ने इसके लिएअच्छी तरह से तैयार की है. इसके बावजूद रोजे से पहले सेहरी और इफ्तार में सेहत से जुड़ी आम और नुकसानदेह गलतियों के बारे में जानना हर शख्स को बेहद जरूरी है.
पोषण विशेषज्ञ रमजान के दौरान सब्जियों और फलों के साधारण आहार की सलाह देते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि कोई भी सिरप या जूस सादे पानी का विकल्प नहीं है, इसलिए स्वस्थ रहने के लिए सबसे अच्छा है सादे पानी का इस्तेमाल करें.
सुबह की सबसे बड़ी गलती
पोषण विशेषज्ञों के अनुसार भोर में लस्सी और चाय का सेवन हिदुस्तान में आम है जबकि सादे पानी की अपनी जगह है.इन पेय का प्यास लगने से कोई लेना-देना नहीं है. चाहे लस्सी नमकीन हो या मीठी . दोनों ही मामलों में निर्जलीकरण का कारण बनती है.
चाय, कॉफी और ग्रीन टी में कैफीन की मौजूदगी के कारण शरीर में पानी की कमी जल्दी हो जाती है.रोजेदार को प्यास लगने की अधिक संभावना होती है, इसलिए सुबह के समय सादे पानी पर अधिक ध्यान देना चाहिए.
रमजान में सुबह के समय मसालेदार खाना खाने से बचें, नहीं तो रोजे के दौरान प्यास बढ़ सकती है.सेहरी के दौरान आलू और केले का प्रयोग न करें, जबकि आलू और केले का उपयोग इफ्तार के दौरान किया जा सकता है.
पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, अधिकांश घरों में एक सामान्य प्रवृत्ति यह है कि जहां प्रतिदिन साधारण भोजन तैयार किया जाता है, वहां पकौड़े और चट-पैटी खाद्य पदार्थों की उपयोगिता अचानक बढ़ जाती है. ये खाद्य पदार्थ भोर में भी खाए जाते रहे हैं, जो कहीं से ठीक नहीं है.
जानकारों का कहना है कि सेहरी और इफ्तार में एक ही महीने में साल भर के पकोड़े खाना सेहत खराब करने वाला है.
इफ्तार में की गई गलतियां
पोषण विशेषज्ञ कहते हैं कि इफ्तार में हम खजूर और शरबत या किसी ऐसे जूस का इस्तेमाल करते हैं जिसमें चीनी और नमक हो, जिसके कारण पानी का इस्तेमाल बेकार हो जाता है. इफ्तार के दौरान पिया गया पानी पेशाब के लिए भी इस्तेमाल होता है.यह शरीर से बहुत जल्दी बाहर निकल जाता है..
आहार विशेषज्ञ इफ्तार के दौरान तले हुए, अधिक नमकीन या मीठे खाद्य पदार्थों से परहेज करने की सलाह देते हैं.
पोषण विशेषज्ञों का कहना है कि एक ही समय में अत्यधिक पानी के सेवन से बचना चाहिए.चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, बहुत अधिक पानी एक ही समय में शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है.
पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, इफ्तार और सेहरी के बीच अधिक पानी का प्रयोग करें और भोजन पर कम जोर दें.. इफ्तार या रात के खाने का एक ही भोजन करें, बार-बार और कुक्कुट भोजन से बचें.
अगर आपको इफ्तार के बाद चाय चाहिए तो कम से कम एक ऐसा कप पिएं जिसमें दूध की मात्रा बहुत कम हो.इफ्तार के बाद और सहरी के दौरान जितना हो सके चाय का सेवन करने से बचें.
[ लेखक- वरीय डॉक्टर आर.पी. सिंह के सहयोग से .....]
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