पटना-
बिहार में एक ऐसी आईएएस अधिकारी हैं, जो देश के अन्य भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों से थोड़ा अलग हैं. अलग इसलिए कि उन्होंने ने न केवल शहीदों के बच्चे गोद ले रखा है. इनके प्रयासों से देश के जिन 113 जिलों में आकांक्षी योजना चल रही है, उनमें बिहार का एक जिला बेहद अच्छा कर रहा है. उनके कारनामे के प्रधानमंत्री भी कायल हैं.
बिहार में देर रात सरकार ने 13जिलों में नए डीएम तैनात किए हैं.इनमें महिला आईएएस इनायत खान भी षामिल हैं. उन्हें मुस्लिम बहुल सीमांचल के अररिया जिला का डीएम बनाया गया है.
इनायत खान शहीद सैनिकों के बच्चों को गोद लेकर राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोर चुकी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शेखपुरा जिले के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए किए गए जिलाधिकारी इनायत खान के प्रयासों की सराहना कर चुके हैं. अररिया में तैनाती से पहले वह वहां की डीएम यानी जिलाधिकारी थीं.
मालूम हो कि देश सेवा के लिए इस मुस्लिम महिला ने लाखों की नौकरी छोड़ दी थी. अब उन्होंने अररिया के विकास को आयाम देने की उम्मीद दी गई है.इनायत खान की पहचान एक कड़क आईएएस ऑफिसर के तौर पर है.
कौन हैं इनायत खान ?
ऑल इंडिया में 176वां रैंक प्राप्त कर इनायत खान ने साल 2011में सिविल सेवा परीक्षा में परचम लहराया था.जिसके बाद उन्हें बिहार कैडर मिला.इनायत खान उत्तर प्रदेश की आगरा की रहने वाली हैं.
उन्होंने यूपी के टेक्निकल यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले आनंद इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स में बीटेक की डिग्री ली है.इसके बाद देश की एक नामी सॉफ्टवेयर कंपनी में एक साल नौकरी की.लेकिन वहां उन्हें मन नहीं लगा.उनका सपना आईएएस बनने का था.
साल 2009 में उन्होंने पहली बार आईएएस का एग्जाम दिया. तीन चरणों वाले इस कठिन परीक्षा में उन्होंने पीटी, मेंस पास किया. फाइनल में उनका रिजल्ट नहीं हुआ.इसके बाद उनका चयन आरआरबी यानी ग्रामीण बैंक में हुआ.लेकिन वो मानने वाली कहां थी.
इनायत ने दिल्ली के मुखर्जी नगर के पास गांधी विहार में एक कमरा लेकर फिर से आईएएस की तैयारी में जुट गईं और सफल हो कर ही मानी.इनायत खान की पहली पोस्टिंग पटना जिले में हुई.
यहां उन्होंने असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर काम किया. इसके बाद इनायत खान की पोस्टिंग राजगीर में हुई. इनायत खान राजगीर की एसडीओ रहीं. वहां से इनायत खान का तबादला भोजपुर कर दिया गया.
जहां उन्हें डीडीसी बनाया गया. इनायत खान की असली पहचान भोजपुर में बनी.जहां उन्हें कड़क अफसर का तमगा मिला.भोजपुर में उन्होंने प्रत्येक प्रखंड में कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरा और बायोमेट्रिक हाजिरी लगवाई.साथ ही सरकारी बाबुओं पर शिकंजा कसा.इसके लिए खुद वो स्टेशन परिसर में कुर्सी लगाकर बैठ जातीं और रोजाना पटना जाने वाले अधिकारियों की क्लास लगातीं.
सरकारी बाबुओं पर शिकंजा कसने के साथ मनमौजी अफसरों की हवा भी इनायत ने टाइट कर दी थी. जिले में चल रहे कामों का औचक निरीक्षण के लिए वो गाड़ी खड़ी कर पैदल ही चल पड़तीं थीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की तारीफ
बिहार के पिछड़े जिलों में शुमार शेखपुरा की युवा जिलाधिकारी रहीं इनायत खान ने आकांक्षी योजना ( The Aspirational Districts Programme ) के तहत जिले में बदलाव के जो काम किए,उसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तारीफ की है. महिला स्वास्थ्य,कुपोषण और शिक्षा संबंधी कार्यों के लिए इसी साल 24 जनवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान युवा डीएम की प्रधानमंत्री ने प्रशंसा की.दरअसल,
देश के जिन 113 जिलों में आकांक्षा योजना चल रही है,उसमें बिहार का शेखपुरा भी शामिल है और यहां इस योजना के तहत बेहतर काम हुआ है.प्रधानमंत्री ने माना कि युवा जिलाधिकारी इनायत खान द्वारा बेहतर काम करने से ही बिहार के शेखपुरा जिले में यह बदलाव सामने आया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के आकांक्षी जिलों यानी एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में शामिल बिहार के शेखपुरा जिले के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए यहां की जिलाधिकारी इनायत खान द्वारा किए गए प्रयासों की वर्चुअल बातचीत में प्रधानमंत्री ने शेखपुरा में कुपोषण के क्षेत्र में जिला स्तर पर किए गए बेहतर प्रयासों की सराहना की. कहा कि अति पिछड़े जिलों को आकांक्षी जिले के रूप में चिन्हित करने से यह काम बेहतर तरीके से हो रहा है.
पुलवामा के शहीदों को दिया सम्मान
पुलवामा हमले के दौरान इनायत खान अपने कर्तव्य को लेकर सुर्खियों में रहीं.इनायत ने पुलवामा हमले में शहीद हुए बिहार के रतन ठाकुर और संजय कुमार की बेटियों को गोद लेना का ऐलान ही नहीं किया.
उन्होंने अपना दो दिन का वेतन शहीदों परिवार के सहयोग में दिया. उन्होंने अपने शेखपुरा जिले में तैनात सभी अफसरों से भी पुलवामा में शहीद जवानों के परिवारों को एक दिन का वेतन दान दिलवाया था.इनायत खान सादगी भरी जिंदगी जीती हैं.
उनके उपर बड़ा कर्ज है.बता दें कि बिहार सरकार ने पारदर्शी व्यवस्था के तहत अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक से हर वित्तीय वर्ष के अंत में चल-अचल संपत्ति की घोषणा कराती है. इसे अफसरों को वेबसाइट पर सार्वजनिक करना होता है.
राज्य के बड़ी संख्या में अधिकारियों ने अपनी संपत्ति की घोषणा की है. डीएम इनायत खान ने भी अपनी संपत्ति की घोषणा वेबसाइट पर की है.अररिया की जिलाधिकारी इनायत खान पर 17 लाख रुपये का कर्ज है.
यह कर्ज एलआईसी का हाउसिंग लोन का है. समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए घोषित संपत्ति के ब्योरा में डीएम ने सभी तरह का उल्लेख किया है. वेबसाइट पर दर्ज ब्योरे के मुताबिक डीएम के पास लगभग एक किलो सोना है तथा बैंक में 3.50 लाख रुपये जमा हैं.
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रक्सौल की खबरें-
नेपाल में चुनाव 13 मई को, सीमा को किया गया सील, दोनों देश के सुरक्षा कर्मियों के द्वारा सीमा पर बढ़ाई गई चौकसी
रक्सौल-
नेपाल में आगामी 13 मई को होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर भारत-नेपाल सीमा को बुधवार की रात से सील कर दिया गया है। सीमा सील होने के साथ ही सीमा के दोनो तरफ से वाहनों के साथ आवागमन बंद है। भारतीय सीमाई क्षेत्र में एसएसबी व नेपाल के सीमाई क्षेत्र में नेपाल सशस्त्र सुरक्षा बल को तैनात किया गया है। मुख्य नाके के साथ ग्रामीण नाके पर भी सख्ती बढ़ा दी गई है। जिससे सीमाई क्षेत्र के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।तीन रोज के लिए सीमा बंद होने से इस पार से उस पार आवागमन कर ई रिक्सा, तांगा टेम्पो और रिक्शा चलाकर अपना पेट पालने वाले लोगों और दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों को अधिक परेशानी का समना करना पड़ रहा है। वही शादी विवाह का मौसम होने के कारण एक दूसरे देश में लड़का-लड़की की शादी होता है। वैसे में भारत से नेपाल के लिए बरात जाने आने में भी काफी परेशानी हो रही है।एक दुल्हा के साथ मात्र चार वाहनों और 30 लोगों से अधिक को नही जाने दिया जा रहा है। भारत के केवल वैसे ही लोगों को आई कार्ड देखकर नेपाल जाने दिया जा रहा है। जिनका अस्पताल, हवाई जहाज का टिकट हो व शादी विवाह संबंधित हो। जो नेपाली भारतीय क्षेत्र में काम करते है।उन्हें चुनाव में भाग लेने जाना है। वैसे नेपाली नागरिकों को नागरिकता देखकर भारतीय सुरक्षाकर्मी जाने दे रहे है। जबकि नेपाल के सशस्त्र सुरक्षा बल के जवानों द्वारा आने-जाने वाले नेपाली और भारतीय लोगों पर लाठीचार्ज भी किया जा रहा है।वीरगंज नेपाल के निवासी मोहम्मद राजा मंसूरी ने बताया कि मै नेपाली नागरिक हूं, वीरगंज नारायणी अस्पताल ने सीटी स्कैन कराने के लिए रक्सौल के डंकन अस्पताल ने भेजा है। मै वही जा रहा हूं लेकिन नेपाल के सुरक्षाकर्मियों ने वेवजह मूझे मारपीट करने के बाद आखिरकार जाने दिया। उधर भारत और नेपाल सरकार ने चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्वक सम्पन्न कराने के दृष्टिकोण से दोनो तरफ के सीमा को सुरक्षा कर्मियों के हवाले कर दिया गया है। नेपाल के तरफ सशस्त्र सुरक्षा बल और भारत के तरफ एसएसबी के जवान तैनात है। दोनो तरफ सुरक्षाकर्मी नेपाल-भारत के लोगों का नागरिकता और आधार कार्ड या पहचान पत्र देखकर केवल उन्ही लोगों को आने जाने दे रहे है जिनका जाना आवश्यक है। इसकी जानकारी देते हुए एसएसबी के डीप्टी कमान्डेंट एम ब्रम्जन ने बताया कि नेपाल में होने वाले चुनाव को लेकर सीमा सील किया गया है और एसएसबी के जवानों को तैनात किया गया है जो मेडिकल से संबंधित या इमरजेंसी स्थिति वाले लोगों को ही पेपर जांच कर जाने देंगे जवानों को ऐसा निर्देश दिया गया है। हालांकि इस बार रक्सौल कस्टम का बैरियर नही गिराया गया है। केवल एसएसबी जवानों की ही तैनाती की गयी है। जबकि नेपाल के बीरगंज कस्टम द्वारा बैरियर गिरा कर सीमा बंद किया गया है।
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आरपीएफ ने चार ई रिक्शा व दो टेंपू को पार्किंग के आरोप में आरपीएफ ने किया जब्त
रक्सौल-
भारत-नेपाल को जोड़ने वाली सड़क पर ई रिक्शा व टेंपू करते है अतिक्रमण पर आरपीएफ के द्वारा त्वरित कार्रवाई की है। रेलवे सुरक्षा बल की टीम के द्वारा रेलवे फाटक संख्या 33 ए पर अवैध पॉर्किंग करने वालों पर कार्रवाई करते हुए चार ई-रिक्सा व दो टैंपू को जब्त किया गया है। इसकी जानकारी देते हुए आरपीएफ निरीक्षक ऋतु राज कश्यप ने बताया कि लगातार फाटक पर अवैध पॉर्किंग के कारण जाम की समस्या देखी जा रही थी। इसी को लेकर विशेष अभियान चलाते हुए ई-रिक्सा और टैम्पू को जब्त कर मामला पंजीकृत किया गया है। इस दौरान सभी से दो-दो हजार रुपये का जुर्माना भी किया
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